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अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) क्या है

अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) क्या है

अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) क्या है 

  • हमारे देश में किसी भी वस्तु का मूल्य निश्चित करने का कोई कानून नहीं है। अधिकतम खुदरा मूल्य क्या होगा इस संबंध में कोई नियम नहीं है। यह पूरी तरह उत्पादक पर निर्भर करता है कि वह अपने माल का अधिकतम खुदरा मूल्य क्या नियत करता है।
  • सामान्यतः अधिकतम खुदरा मूल्य लागत मूल्य से 20-30 प्रतिशत से ले कर दोगुना तक होता है। लेकिन यह लागत मूल्य से कई गुना भी हो सकता है। जो भी अधिकतम खुदरा मूल्य किसी वस्तु के पैकेट पर अंकित होता है उस में सभी प्रकार के टैक्स, होलसेल व खुदरा दुकानदारों के कमीशन सम्मिलित होते हैं।
  • किसी भी वस्तु को अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर नहीं बेचा जा सकता है, लेकिन ग्राहक में मोल-भाव करने की क्षमता हो तो वह उस से कम मूल्य पर उस वस्तु को खरीद सकता है।
  • भार और माप-तौल (डिब्बा बंद वस्तु) नियम के अंतर्गत यह आवश्यक किया गया है कि डिब्बे में बंद वस्तुओं के संबंध में कुछ आवश्यक सूचनाएँ डिब्बे पर अंकित की जाएँ। जिन में वस्तु का वजन, संख्या या आयतन, उस के निर्माता का नाम व पता, निर्माण की तिथि तथा अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित किया जाना आवश्यक है। डिब्बे में खाद्य सामग्री  होने पर यह भी आवश्यक है कि वस्तु का इस्तेमाल किस तिथि तक कर लिया जाना चाहिए।

अधिकतम खुदरा मूल्य वाली वस्तुएं

  • अधिक वजन या आकार वाली वस्तुओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा होता है
  • एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में बहुत समय लेने वली वस्तुओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा होता है
  • सजावटी, फैशन की वस्तुओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा होता है ।
  • ऐसे ब्रांड जिसे उपभोक्ता ज्यादा नहीं जानते हैं उस पर अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा होता है  ।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार