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क्रेडिट कार्ड और उसके लाभ क्या हैं

क्रेडिट कार्ड और उसके लाभ क्या हैं

क्रेडिट कार्ड क्या है 

क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा दी जाने वाली एक ऐसी उधार की सुविधा है, जिसमें आप खुद के पास से नकद पैसे खर्च करने की बजाय बैंक की तरफ से आपको दिए गए क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के जरिये आप तरह-तरह की खरीदारी और अन्य जरूरी भुगतान कर सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड कैसे मिल सकता है 

  • यदि आप नौकरी करते हैं तो आपकी सैलेरी के हिसाब से आप इसे पाने के हकदार होते हैं। इसके लिए आपको क्रेडिट कार्ड पाने के लिए बैंक में आवेदन करना होगा। कुछ बैंकों में ग्राहक को खुद जाकर इसके लिए आवेदन करना पड़ता है, जबकि कई अन्य बैंकों में इस सुविधा को पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ आपको अपनी सैलेरी स्लिप की जरूरत पड़ सकती है। आपकी सैलेरी स्लिप को देखने के बाद बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा का निर्धारण करता है।
  • यदि आप नौकरी नहीं करते फिर भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा चाहते हैं तो आपको अपने स्वरोजगार या व्यापार का विवरण बैंक को देना होगा। इसके अलावा बैंक, आपके इनकम टैक्स रिटर्न का ब्यौरा भी मांग सकता है ताकि उसके आधार पर आपकी क्रेडिट लिमिट का निर्धारण किया जा सके।
  • यदि आप नौकरी या व्यापार नहीं करते लेकिन फिर भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा चाहते हैं, तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। आपका जिस बैंक में भी अकाउंट है, आप वहां बात कर लें और अपने नाम से उस बैंक में उतनी राशि का फिक्स डिपोजिट खाता खुलवा लें। कई बैंक इसके आधार पर भी अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा देते हैं। आपका फिक्स डिपोजिट बैंक के लिए गारंटी का काम करता है और इसी के बदले में बैंक आपको क्रेडिट कार्ड आवंटित करता है। 

क्रेडिट कार्ड के लाभ क्या हैं 

  • क्रेडिट कार्ड साथ रखने पर आपको आमतौर पर लगभग सभी मुख्य जगहों पर खरीददारी करते वक्त नकद राशि नहीं देनी पड़ेगी। इसके अलावा आपको अपने डेबिट कार्ड से भी पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर भुगतान की राशि सीधे आपके जमा खाते से कटती है लेकिन क्रेडिट कार्ड में ऐसा नहीं होता। यहां भुगतान के पैसे वो बैंक देता है, जिसके क्रेडिट कार्ड से आपने पेमेंट किया है। यानी आपके बचत खाते के पैसे, जस के तस सुरक्षित रहते हैं।
  • यदि आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग और लेन-देन करते हैं तो आपके लिए इसकी उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है। आप अपनी सुविधा के मुताबिक अपनी मनचाही चीज ऑनलाइन पेमेंट करके खरीद सकते हैं, वो भी बिना अपने पॉकेट से नकद खर्च किये बिना।
  • इसके अलावा, आप अपने टेलीफोन, मोबाइल, बिजली जैसी उपभोगता सुविधाओं का बिल भी अपने क्रेडिट कार्ड के जरिये भर सकते हैं। अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम हो या आपकी गाड़ी के इंश्योरेंस का रिन्यूवल, सब कुछ आप अपने क्रेडिट कार्ड से कर सकते हैं।
  • यदि आपको कहीं यात्रा करनी हो और पास में टिकट कटाने को पैसे कम पड़ रहे हों, निश्चिन्त होकर अपने क्रेडिट कार्ड से खुद और अपने परिवार के लिए बस, ट्रेन या हवाई जहाज का टिकट मिनटों में कटा सकते हैं और पैसे बाद में अपनी सुविधा के हिसाब से अपने कार्ड का बिल आने पर चुका सकते हैं।
  • यदि तत्काल आपको अचानक कुछ नकद पैसों की जरूरत आ पड़ी है और आपको पता चला कि आपके बैंक अकाउंट में तो इतने पैसे ही नहीं हैं तो आप तुरंत अपने बैंक को फोन लगाकर अपने क्रेडिट कार्ड के आधार पर एक निश्चित राशि तक का लोन सिर्फ एक फोन कॉल करके पा सकते हैं, वो भी बहुत ही मामूली ब्याज दर पर।
  • अब आप अपने चुने गए विकल्प में से अपनी सुविधानुसार समयसीमा चुन लें और लिए गए इंस्टेंट लोन को आसान ईएमआई के जरिये चुका दें।

 क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकिल क्या होता है

जब बैंक आपको क्रेडिट कार्ड देता है, तो उसके चालू होने के दिन से ठीक एक महीने बाद तक का समय आपका बिलिंग साइकिल का समय होता है। मान लीजिए, आपका कार्ड किसी महीने की 5 तारीख को चालू हुआ है तो अगले महीने की 6 तारीख को पिछले एक महीने में आपके क्रेडिट कार्ड के जरिये किये गए खर्च का हिसाब जोड़कर इसका बिल बनाया जायेगा। इसके बाद इस बिल को आपके दिए गए पते पर डाक या कूरियर से भेज दिया होगा। इसके अलावा इस बिल की जानकारी की सुविधा आपके मोबाइल और ईमेल पर भी मिल सकती है। बिल जारी होने की तारीख से 15 दिनों तक आपको अपने बिल के भुगतान की समयसीमा दी जाती है। इस समय सीमा की आखिरी तारीख तक आपको अपने बिल का भुगतान करना होता है। क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान आप बैंक में चेक के जरिये कर सकते हैं। इसके अलावा अपने बैंक के एटीएम या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये भी आप इस बिल का भुगतान कर सकते हैं। अगर आपने आखिरी तारीख तक बिल नहीं जमा किया तो आपको जुर्माने की राशि अदा करनी पड़ेगी।

क्रेडिट कार्ड की मेम्बरशिप फीस

अब अलग-अलग श्रेणियों और लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बैंकों ने कई ऐसे क्रेडिट कार्ड उपलब्ध किये हैं, जिनके लिए आपको कोई मेम्बरशिप फी या एनुअल चार्ज नहीं देना पड़ता। ये कार्ड अपनी वैधता की अवधि तक मुफ़्त रहते हैं। आप अपने बैंक से कहकर ऐसा कार्ड चुन सकते हैं, जो लाइफ टाइम फ्री हो।

समय पर भुगतान करने वाले ग्राहकों का क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक ज्यादा ख्याल रखते हैं और इसी वजह से समय-समय पर आपके क्रेडिट कार्ड पर दी गई अधिकतम लिमिट को आपके अच्छे भुगतान और आय की बढ़ोत्तरी के आधार पर खुद ब खुद बढ़ाते जाते हैं।

अपने किसी खास का कार्ड भी मुफ़्त में बनवा सकते हैं

बैंक आपको ऐड ऑन कार्ड बनवाने की सुविधा भी देते हैं। यानि आपके क्रेडिट कार्ड की दी गई सीमा के अंदर ही आप अपनी पत्नी या अपने परिवार के किसी खास सदस्य के नाम से एक और कार्ड बनवा सकते हैं। इसका बिल आपके बिल के साथ जोड़कर आपको भेजा जायेगा। अब बिना अपनी छुट्टी और काम का नुकसान किये हुआ आप अपने परिवार के लिए ऐड ऑन कार्ड बनवा कर अपनी झंझटों से मुक्ति पा सकते हैं।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार