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'पुलिस विद्रोह' में शामिल 175 सिपाही बर्खास्त

'पुलिस विद्रोह' में शामिल 175 सिपाही बर्खास्त

पटना (बिहार) । पटना पुलिस लाइन में एक महिला सिपाही की मौत पर सिपाही विद्रोह मामले में नीतीश सरकार 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया। और 23 पुलिसकर्मियों को सेवा से निलंबित कर दिया है। इनमें हवलदार, एएएसआई और 3 पुलिसकर्मी ट्रैफिक भी शामिल हैं। पुलिसकर्मियों का आरोप था कि उन्हें छुट्टी तक नहीं दी जाती है। मृतका का भी छुट्टी न मिलने के कारण सही ढंग से इलाज नहीं हो पाया, जिससे उनकी मौत हो गई। इससे नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया।  

आपको बता दें कि शुक्रवार को पटना में 2 नवंबर को महिला सिपाही सविता पाठक की डेंगू से मौत हो गई थी। पुलिसकर्मियों का आरोप था कि महिला पुलिसकर्मी को इलाज के लिए पर्याप्त छुट्टी नहीं दी गई। इसी से नाराज पुलिसकर्मियों ने पटना की पुलिस लाइन में जमकर हंगामा किया। लाठी और डंडे से लैस पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को खदेड़ दिया और गाड़ियों को तोड़ डाला। हंगामे के दौरान ट्रेनी पुलिसवालों ने एसपी सिटी, सार्जेंट और डीएसपी की पिटाई की तो पुलिस लाइन पहुंचे एससपी को देखते ही पथराव किया। पुलिसवालों के हमले के दौरान सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन, एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया था। इस हमले के बाद सभी नामजद और अज्ञात पुलिसकर्मियों पर अपने अधिकारियों पर जानलेवा हमला करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का पटना के बुद्धा कालोनी थाना में केस दर्ज हुआ था। 

इस सिपाही विद्रोह के बाद एसएसपी मनु महाराज ने इस मामले के दोषी लोगों पर कार्रवाई कराने की बात कही थी। और फिर जोनल आईजी नैयर हसनैन खां की अध्यक्षता में जांच कमिटी को दोषियों का पता लगाने और मामले की तफ्तीश करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद इस कमिटी ने रविवार को 170 से अधिक पुलिसकर्मियों को मामले में दोषी बताया, जिसके बाद रविवार को इन सभी पर कार्रवाई की गई। वहीं घटना में शामिल पुलिस लाइन में तैनात 23 को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया हैं। इनमें 3 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन्हें अनुशासन बनाये रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। जोनल आईजी ने इसके साथ ही दस वर्षों से पुलिस लाइन में जमे 93 पुलिसकर्मी को स्थानांतरण की सिफारिश की है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सविता पाठक को छुट्टी नहीं देने पर तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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