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#sansad सांसद व विधायक की सदस्यता कैसे समाप्त की जाती है?

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#sansad सांसद व विधायक की सदस्यता कैसे समाप्त की जाती है?

आपके मन में कभी न कभी प्रश्न उठता होगा कि आखिर जब सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी जब कोई नियम विरुद्ध एवं अनैतिक कार्य करते हैं तो उन्हें सरकारी सेवा से निष्कासित कर दिया जाता है तो ऐसी दशा में यदि जनता द्वारा निर्वाचित कोई सांसद नियम विरुद्ध या अनैतिक कार्य करें तो क्या उन्हें भी निष्कासित किया जा सकता है...। तो इसका उत्तर है हां निष्कासित किया जा सकता है। हाल ही में आपने टीवी या समाचार पत्रों के माध्यम से देखा एवं पढ़ा होगा कि कैसे पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस की महिला सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता को समाप्त कर दिया। यद्यपि इस निर्णय से महुआ मोइत्रा बहुत गुस्से में थी, उन्होंने इस कृत्य को गैरकानूनी बताया, लेकिन संसद के कई ऐसे नियम हैं जिसका उल्लंघन करने पर किसी भी सांसद की सदस्यता समाप्त हो सकती है। अब प्रश्न उठता है कि आखिर वे कौन से संवैधानिक प्रावधान हैं जिसके अंतर्गत किसी भी सांसद, विधायक एवं विधान परिषद की अयोग्यता का निर्णय राज्य सभा में सभापति तथा लोकसभा में अध्यक्ष द्वारा जबकि विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है। चलिये इसके विषय में आपको विस्तार से बताते हैं। Follow us- वेबसाइट- https://adhikarexpress.com/ फेसबुक- https://www.facebook.com/adhikarexpress1 ट्विटर- https://twitter.com/adhikarexpress1 कू- https://www.kooapp.com/profile/adhikarexpress इंस्टाग्राम-https://www.instagram.com/adhikarexpress/ For any complaint or suggestion mail to This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.. मित्रों, अधिकार एक्सप्रेस एक स्टार्ट-अप ऑनलाइन सूचना/समाचार चैनल है। इसका संचालन अधिकार एक्सप्रेस फाउंडेशन दिल्ली के द्वारा किया जा रहा है। अधिकार एक्सप्रेस सरकार(लोक प्रशासन) एवं जनता के लोक सेवा अधिकारों के विषय में जानकारी देने के साथ ही इससे संबंधित समाचारों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करता है। उपयोग की शर्तें (Disclaimer) हालांकि इस सामग्री की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी प्रयास किए हैं, फिर भी इसे कानून के एक साक्ष्य के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए या किसी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग से उत्पन्न होने वाले या डेटा के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना के तहत अधिकार एक्सप्रेस, बिना किसी सीमा के हानि या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार