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सहायक राजस्व निरीक्षक रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

सहायक राजस्व निरीक्षक रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)। लोकायुक्त पुलिस की लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिश्वतखोरी रुकने का नाम ले रही है। ताजा मामला छिंदवाड़ा नगर निगम का है, जहां के सहायक राजस्व निरीक्षक शेरसिंह मोखलगाय को लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। 

इस संबंध में फरियादी महेश साहू का कहना है कि वर्ष 2013 में उसने छिंदवड़ा के तिगरा गांव में मकान बनवाया था। लेकिन अब यह गांव नगर निगम की सीमा के वार्ड 40 में आ गया है। जिसकी वजह से नगर निगम ने उसके मकान के सामने निर्माण कार्य न करने का नोटिस चस्पा कर दिया था। जब इस नोटिस के सबंध में उसने नगर निगम के सहायक राजस्व निरीक्षक शेरसिंह मोखलगाय बात की तो उन्होंने कहा कि वह अगर 25 हजार रुपए रिश्वत दे दे तो उसके घर के सामने से नोटिस हटा लिया जाएगा और उसे घर के सामने निर्माण की अनुमति दे दी जाएगी। सहायक राजस्व निरीक्षक शेरसिंह मोखलगाय की हरकत से परेशान महेश ने मामले की शिकायत लोकायुक्त कर दी। लोकायुक्त टीम के बिछाए जाल के अनुसार जैसे ही पूजा लॉज के सामने सहायक राजस्व निरीक्षक शेरसिंह मोखलगाय ने महेश साहू से रिश्वत ली, वैसे ही डीसीपी सुनील झरबड़े के नेतृत्व में लोकायुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। और इसके बाद उसे नगर निगम कार्यालय ले गए। जहां फरियादी महेश और आरोपित शेरसिंह मोखलगाय के बयान लिए गए। और मामले में आगे की कार्रवाई शुरु कर दी। सुनील झरबड़े, डीएसपी लोकायुक्त का कहना है कि फिलहाल मामले में जांच जारी है। जिसके बाद इस मामले से जुड़ी अन्य कड़ियों को जोड़ा जाएगा। यदि इस मामले में और भी कोई संलिप्त पाया गया तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि लोकायुक्त पुलिस आरोपित के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार